“फ़िल्म हिट तो सब फिट “यह शब्द किसी को विशेष को परिभाषित करती रहती है पर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में आये दिन फिल्मे बनती रहती है और हिट भी होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं? की फिल्म के हिट होने में उस फिल्म में कहानी का कितना अहम योगदान होता है, मेरे हिसाब से फिल्म का असली हीरो फिल्म कहानी ही होती है। अगर कहानी अच्छी न हो तो सुपरस्टारकी फिल्म भी औंधे मुंह गिर जाती हैभोजपुरी इंडस्ट्री में वीरू ठाकुर एक ऐसा नाम है जो लगातार हिट पे हिट फिल्म दे रहे हैं। इसलिए हमने,आपको उनसे रू-ब-रू कराने को चाहा।
कई हिट फ़िल्में लिखने वाले वीरू का जन्म नेपाल के जनकपुर अंचल अंतर्गत सर्लाही जिला (दुलवा गांव) में हुआ है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा नेपाल के बीरगंज स्थित ठाकुर राम बहुमुखी कैम्पस से हुई है।उनके के पिता राम ध्यान ठाकुर पेशे से किसान है तथा माता बच्चीया देवी गृहिणी हैं ।
वीरू ने अपना कैरियर की शुरुवात एक अकाउंटेंट के रूप में किया था लेकिन फ़िल्मों में रूचि होने के कारण उन्होंने मुंबई की ओर रुख किया। साल 2015 से फिल्मों में सक्रीय हैं।
वीरू ठाकुर की बतौर लेखक पहली फ़िल्म ‘भोजपुरिया राजा’ थी जिसे पवन सिंह और काजल राघवानी को लेकर सुजीत कुमार सिंह के निर्देशन में तथा वसुंधरा मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बनाया गया था।
अपनी कलमी पावर से अब तक इन्होने 25 फिल्मो का सफरनामा तय किया हैं, जिसमे प्रमुख” ज़िद्दी आशिक़,तू ही तो मेरी जान है राधा ,दीवाना-2, ग़दर , निरहुआ सटल रहे ,धड़कन ,भोजपुरिया राजा,सत्या,पवन राजा वांटेड,तू ही तो मेरी जान है राधा2,आदि फिल्मों का डायलॉग लिख चुके हैं ।हालांकि कई फिल्में फ्लोर पे जिसमे बॉस,राजा,शेर सिंह,मैं नागिन तू सपेरा,मजनुआ,जीत,यारा तेरी यारी,राजा रिक्शावाला आदि व अन्य फिल्मे शामिल है।और नयी फिल्म ‘क्रेक फाईटर’ पर काम कर रहे हैं । 25 साल की उम्र में इतनी सारी फिल्मों का डायलॉग और कथा-पटकथा लिखना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।वैसे आपको बतादे कि वो कुछ अभिनेताओ के चुनिंदा लेखक माने जाते है जो अपनी लेखनी के दम पे सभी के दिलो में खा स जगह बना चुके है।
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