कहते हैं कि प्रतिभा कभी किसी पल का मोहताज नहीं होती है, सिर्फ सही दिशा पूरी शिद्दत से प्रयास करना चाहिए। यह मिसाल कायम किया है गीतकार सुमित सिंह चन्द्रवंशी ने। जी हां, सन 2015 में बिहार की धरती से मुंबई माया नगरी में आये सुमित सिंह चन्द्रवंशी महज चार साल में जो कीर्तिमान स्थापित किया है, वह किसी मिसाल से कम नहीं है। उन्होंने पहला गीत 2015 में आया भोजपुरी फिल्म दुलारा में खांटी भोजपुरिया, 2016 में फ़िल्म मोकामा जीरो किमी में पिछला जनम के भतार, 2017 में तीसरा गीत फ़िल्म सत्या में राते दिया बुता के आया, जिसने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गीत संगीत का इतिहास ही बदल दिया। उसके बाद आया गाना पलंगिया सोने ना दिया, पांडेय जी का बेटा हूँ, फिल्टर के पानी, भतार को भी भूल जाओगी, बाबू बाबू कहेलू, सोना जुदा नहीं होना… इत्यादि एक से बढ़कर एक कई हिट गीतों की लाईन लगा दिये। रिकॉर्डतोड़ सुपरहिट उनके गानों से भोजपुरी गानों का रूप रेखा ही बदल गया। आलम यह है कि अब तक सुमित सिंह ने सौ गाने लिखने में रिकॉर्ड पूरा कर लिया है। उन्होंने सभी सुपरस्टार के लिए हिट गाने लिखा है। वे अब गीतकार के साथ साथ बतौर हीरो एक और पारी खेल रहे हैं। फ़िल्म अभिनेता व निर्माता आशुतोष खरे द्वारा निर्मित की जा रही भोजपुरी फिल्म तू सोलह बरस की मैं सत्रह बरस का से बतौर हीरो लांच हो रहे हैं। केंद्रीय भूमिका में एक्शन स्टार यश कुमार और सुमित सिंह चन्द्रवंशी हैं। फिल्म के निर्देशक दिनेश यादव हैं। उनकी नायिका शालू सिंह हैं। फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है। सुमित फिल्मों में अभिनय करने के साथ साथ गाने लिखते रहेंगे।
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