भोजपुरी फ़िल्म से पारिवारिक कहानी को दर्शाने की परंपरा है।जो बढ़ते भोजपुरी फ़िल्म के दौर में कुछ खसक गया था,लेकिन निर्माता प्रदीप सिंह,निशान उज्वल,प्रतीक सिंह की जोड़ी एवम निर्देशक मंजुल ठाकुर के प्रयास से नायक प्रदीप पाण्डे चिंटू के मेहनत के बदौलत विवाह फ़िल्म के माध्यम से परिवारिक फ़िल्म के रंग में दिखाने में कामयाब हुए हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण है कि फ़िल्म देखने के लिए सिनेमाघरों में महिलाओं की काफी भीड़ हैं।वास्तव में पिछले एक दशक में भोजपुरी फ़िल्म जिस मुकाम पर पहुँचा है वह बरकरार रखना थोड़ा मुश्कल हो रहा था,जिसका कारण था,भोजपुरी फ़िल्म में परिवारिक हवा पानी गीत संगीत को थोड़ा अलग हो जाना जिस समय परिस्थिति को भांपते हुए विवाह फ़िल्म ने फिर से दर्शको के बीच मे अपना पाव पसार चुका है,जिसे दर्शक पूरे परिवार के साथ सिनेमाघरों में जाकर अनंद ले रहे है।देखना है कि निर्माता निर्देशक इन सीलसिले को कब तक बरकरार रखते है,वैसे तो फैसला दर्शको के हाथों में ही टीका रहता है।
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